शर्मनाक! गर्भवती हथिनी बनी हैवानियत का शिकार

सॉरी यार
तस्वीर गूगल से साभार

सॉरी यार! हमारे बीच इस जहाँ में तुम्हारे हत्यारे भी रहते हैं।
बेहद अफसोस और शर्मिंदगी।

जब जानवर कोई इंसान को मारे
कहते हैं दुनिया में वहशी उसे सारे
एक जानवर की जान आज इंसानों ने ली है
चुप क्यों है संसार
खुश रहना मेरे यार…

फ़िल्म हाथी मेरे साथी का ये गीत आज बहुत याद आ रहा है। जिसमें एक हाथी और एक इंसान के प्यार को बहुत ख़ूबसूरती से दर्शाया गया है।

ये फ़िल्म राजेश खन्ना अभिनीत एक हाथी की यारी पर आधारित है। जिसके इस गीत में मोहम्मद रफी साहब ने अपनी आवाज़ के जरिये भावनाओं को कूट कूट कर भरा है। आनंद बक्शी के बोलों ने यथार्थ जीवन को लक्षित किया है। फ़िल्म को देखकर जितना प्यार उमड़ता है, उतनी ही आँसुओं की धार इस गीत को सुनकर बहती है।

एक जानवर केवल प्यार का भूखा होता है उसे किसी चीज़ का लालच नहीं होता है। इस फ़िल्म में एक हाथी रिश्तों की एहमियत समझकर अपने जान की परवाह किये बगैर एक इंसान के बच्चे को साँप से बचाता है लेकिन वहीं इंसान उसे वहशी समझ उसकी जान ले लेता है।

इंसानों के इस वहशीपन का जीता जागता नज़ारा आज हम सबके सामने है। दरिंदगी का घिनोना खेल खेल गए वो हैवान जिन्होंने एक माँ को मार दिया, एक बच्चे को धरती पर आने से पहले उसके सपने कुचल दिए। एक समुदाय में शोक की लहर बढ़ा दी। माँ और बच्चे का रिश्ता है जीव में उतना ही पवित्र और प्रेम भरा होता है।
लेकिन खुद एक माँ की कोख से जन्म लेने वाले दरिंदों तुमने उस कोख को भी शर्मसार कर दिया।
सॉरी यार! हमारे बीच इस जहाँ में तुम्हारे हत्यारे भी रहते हैं। सॉरी बच्चा हमें दुख के साथ बेहद अफ़सोस है कि हम तुम्हें इस दुनियाँ में लाने के लिए बचा न सके।
सॉरी माँ तेरी पीड़ा को हम बाँट न सके। तेरे गर्भ की रक्षा न कर सके।
अब सोच रही हूँ खुशनसीब है वो बच्चा जो इन दरिंदों के बीच पैदा न हुआ। वरना पैदा होकर ये उसके बच्चे को भी नहीं छोड़ते।
सरकार से हाथ जोड़कर एक अपील कि कृपया इस मामले को यूँ ही न जाने दें। वरना ये सिलसिला थमेगा नहीं न ही एक माँ एक बच्चा आपको कभी माफ करेगा।
हमको उनकी ज़बान भले समझ न आये मगर याद रखना भगवान को उनके एहसास उनके आँसू सब समझ आते हैं।

धिक्कार है तुम जैसे लोगों पर!!

अभी भी वक़्त है संभल जा ए इंसान।
वरना तेरे गुनाहों की सज़ा कभी खत्म नहीं होगी।।

2 Responses

  1. Kash sab insaan in bataon ko smjh payain..

    • sujata devrari says:

      अगर ऐसा संभव होता तो ये ब्लॉग पोस्ट लिखने की जरूरत ना पड़ती यार। हैवानों को बस खुद से प्यार है । कई बार तो इनको इंसानों से तक हमदर्दी नहीं होती ।

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