ढाई दिन की तनख्वाह
सुनो ! जरा दो चार सौ रुपये होंगे? मदन ने शीशे में खुद की कमीज (शर्ट) को देखकर अपनी पत्नी शीला से कहा। शीला मदन के लिए टिफिन लेकर कमरे में आई थी। तो...
सुनो ! जरा दो चार सौ रुपये होंगे? मदन ने शीशे में खुद की कमीज (शर्ट) को देखकर अपनी पत्नी शीला से कहा। शीला मदन के लिए टिफिन लेकर कमरे में आई थी। तो...
“पहली दफ़ा कुछ ऐसा हुआ, दिल ने एक चुगली दिमाग़ से की।उस गली में कोई ख़ास नूर तो नहीं था, उस शीशे में खड़ी कोई हूर तो थी।।” बस यही दो पंक्तियाँ उस दिन...