अनजाना रिश्ता

एक अनजाने रिश्ते की ख़ुशी और डर दोनों पनपने लगे हैं।
सवाल -जवाब की उलझनें आपस में ख़ुद से ही झगड़ने लगें हैं।।
जाने क्या मोड़ लेंगी राहें, ना उसको पता है ना कोई ख़बर मुझे।
सही ग़लत के मायने, मुझे दिन रात टटोलने लगे हैं।।

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