एक पुराना खत जिंदगी के नाम

एक खत जिंदगी के नाम
तस्वीर स्रोत: pixabay

ज़िंदगी में कुछ चीजें कभी बदलती नहीं हैं। जैसे कि यह खत जो 2018 में मैंने ज़िंदगी के नाम लिखा था। आज फेसबुक ने याद दिलाया तो लगा कि यह तो आज भी प्रासंगिक है। इन कुछ सालों में काफी कुछ बदल गया है लेकिन ज़िंदगी अभी भी वैसे ही है। कुछ कुछ इस खत में बयान की हुई सी। उम्मीद है आगे आने वाले सालों में भी वह ऐसे ही रहेगी। कुछ खट्टी, कुछ मीठी, कुछ ईमानदार सी, कुछ सिखाती और कभी शिकायत सी करती।

डियर ज़िन्दगी,

मैं तुमसे हर रोज कुछ न कुछ शिकायत ही करती हूँ। पर आज तुम्हारे साथ कुछ शेयर करना और तुम्हें कुछ कहना चाहती हूँ।
तुम सच में मेरी सच्ची दोस्त हो। मेरे ज़ज़्बातों को समझती हो।

मुझे अगर ऊपर ऊँचाई पर उठाती हो तो, गलती करने पर नीचे गिरा भी देती हो।

मुझे रुलाती हो, हँसाती हो, और फिर एक नए रिश्ते के रूप में मुझे प्यार करके गले भी लगाती हो।

कोई वक़्त के साथ भले ही बदल जाये, या दो दिन साथ देकर छोड़ भी दे। पर तुम कभी साथ नहीं छोड़ती हो।

बदलती जरूर हो, ताकि मुझे सही राह दिखा सको। पर मुझसे कोई बहाना बनाकर छोड़ती नहीं हो।

तू हर रिश्ते का सच मुझे वक़्त रहते समझा देती है। सही गलत सब करने देती हो, लेकिन कभी कुछ कहती नहीं हो।
बस वक़्त की शक्ल में मरती जरूर हो।

हाँ में कभी-कभी तुझे बिना बताए कोई भी राह पकड़ लेती हूँ, पर तू मुझे दर्द देकर उस गलत राह पर ना जाने का इशारा कर देती है।

आज थोड़ा दर्द है, और शायद कल ये दर्द खुशी भी हो।

पर आज अपनी कीमत और अपनी एहमियत दोनों पता चली…कि मेरा लिया हुआ फैसला हमेशा सही नहीं हो सकता , या मेरे द्वारा चुने गए रिश्ते हमेशा सच्चे ही हों।

मुझे नहीं पता कि क्या हालत पैदा होते हैं, या मुझसे क्या गलती होती है। पर हालात और जज़्बातों का बदलना। दर्द तो होता है यार।

कुछ रुकता नहीं है, कुछ थमता नहीं है।

पर कुछ पल आँखें नम भी होती है। और कभी खुद पर हँसी भी आती है।

पर फिर एक उम्मीद भी आती है , कि यही ज़िन्दगी है, और यही तेरा हमसफर ..

तू सच में महान है यार।

अब तू ही दोस्त, और तू ही प्यार है।

क्योंकि तू मुझे वेसे ही एक्सेप्ट करती है, जैसी में हूँ।

भले ही में कभी तेरे लिए फेक हो जाऊँ, पर तु मेरे लिए कभी अपनी होनेस्टी नहीं छोड़ती।

थैंक्स यार ज़िन्दगी।

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