मेरे लेख:
- एक नई दोस्तीPost Views: 14 जरूरी नहीं कि प्यार सिर्फ दो लोगों के बीच हो। इश्क़ इश्क़ है किसी से भी हो सकता है। जैसे मुझे मुझसे और मुझसे जुड़ी उन तमाम चीजों से इश्क़ है...
- बरसात ने जोड़ी नई यादPost Views: 7 बहुत दिनों से गर्मी अपने उफ़ान पर थी कि अचानक बादलों ने बिना कोई शोर किये इस सूनी धरती को भिगोकर तर कर दिया। इन बारिश की बूँदों में वो तड़प...
- अलविदा 2022, सुस्वागतम 2023Post Views: 62 ख़त्म हो गया एक साल और शुरू हो गया नया सालकुछ ख्वाहिशें पूरी हुई और नई उम्मीदों का हुआ आगाज़।खट्टी मीठी यादों की बीत गई सब बातें, अब होगा नया अंदाज।रफ्ता...
मेरी कहानियाँ:
- ढाई दिन की तनख्वाहPost Views: 77 सुनो ! जरा दो चार सौ रुपये होंगे? मदन ने शीशे में खुद की कमीज (शर्ट) को देखकर अपनी पत्नी शीला से कहा। शीला मदन के लिए टिफिन लेकर कमरे में...
- अनजाना सा एक चेहराPost Views: 96 “पहली दफ़ा कुछ ऐसा हुआ, दिल ने एक चुगली दिमाग़ से की।उस गली में कोई ख़ास नूर तो नहीं था, उस शीशे में खड़ी कोई हूर तो थी।।” बस यही...
मेरी कवितायें:
- ललकार- एक नए दौर की | हिन्दी कविताचित्र आभार- google.com
- आज दिवस मेरी माँ का आया | सुजाता देवराड़ी | हिन्दी कविताPost Views: 318 आज दिवस मेरी माँ का आया।आजाद हुए सब, भारत कहलाया।इस धरती की पुण्य भूमि में।धन्य हुए हम, जन्म जो पायाआज दिवस मेरी माँ का आया। कई दुःख सहे, कई पीड़ा झेली।वीर...
- माँ तेरी याद मेंPost Views: 209 माँ तेरी याद में हर पल ये खुद से कहती हूँ इतना सुन्दर रूप सलोना, मन पावन गंगा तेरा। तेरे होने से ये सारा संसार है माँ,हर आस, भाव, ममता की...
हाल के पोस्ट्स:
- एक नई दोस्तीPost Views: 14 जरूरी नहीं कि प्यार सिर्फ दो लोगों के बीच हो। इश्क़ इश्क़ है किसी से भी हो सकता है। जैसे मुझे मुझसे और मुझसे जुड़ी उन तमाम चीजों से इश्क़ है...
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- नया अनुभव- युवा सोच और नये विचारों के साथ अनिरुद्ध काला से हुई रु-बरुPost Views: 260 हमारी ज़िंदगी में अलग-अलग अनुभवों का होना हमें परिपक्वता की ओर बढ़ाते जाना होता है। भिन्न-भिन्न लोगों की भिन्न-भिन्न सोच से वाकिफ़ होना और उस सोच से हमें और आपको क्या...
- ललकार- एक नए दौर की | हिन्दी कविताचित्र आभार- google.com
- एक पुराना खत जिंदगी के नामPost Views: 157 ज़िंदगी में कुछ चीजें कभी बदलती नहीं हैं। जैसे कि यह खत जो 2018 में मैंने ज़िंदगी के नाम लिखा था। आज फेसबुक ने याद दिलाया तो लगा कि यह तो...
- सस्पेंस थ्रिल से भरपूर है लेखक देवेन्द्र प्रसाद का उपन्यास ‘लौट आया नरपिशाच’Post Views: 143 किताब: लौट आया नरपिशाच | प्रकाशक: फ्लाईड्रीम्स प्रकाशन | पुस्तक लिंक: अमेज़न कहानी ‘लौट आया नरपिशाच’ एक केंद्र में एक ऐसा नरपिशाच है जिसका आतंक पिछले सौ सालों से चौहड़पुर नामक...
- सफर हारुल ‘मेरी प्यारी छुमा’ के बनने काPost Views: 159 नमस्कार दोस्तों अगर आप मुझे जानते हैं या मेरे लेखन को पढ़ते आए हैं तो आप यह बात भी जानते होंगे कि मैं लेखन के साथ-साथ गायन भी करती हूँ। जहाँ...
- आज दिवस मेरी माँ का आया | सुजाता देवराड़ी | हिन्दी कविताPost Views: 318 आज दिवस मेरी माँ का आया।आजाद हुए सब, भारत कहलाया।इस धरती की पुण्य भूमि में।धन्य हुए हम, जन्म जो पायाआज दिवस मेरी माँ का आया। कई दुःख सहे, कई पीड़ा झेली।वीर...