संजय राणा-sanjay rana (कहाँ तुम चले गए)

संजय राणा
संजय राणा

निशब्द हूँ !
न केवल मैं, बल्कि हर वो शख़्स जो आपसे कभी रूबरू हुआ था।
निःशब्द है हर वो गीत जिनमें मधुरता के साथ साथ आपकी छवी झलकती थी।
निशब्द है संगीत की हर वो धुन जो गीतों में आपका शुक्रिया किया करती थी।
निशब्द है हर वो बोल जो आपके बनाए संगीत पर थिरका करते थे।
निशब्द हो गए वो कंठ जिनकी गूँज आपकी बदौलत पहाड़ की वादियों में सुनाई देती थी।
निशब्द है हर वो आस जो फिर आपके संगीत से लगाई जा रही थी।
निशब्द है हर वो साज जिन्हे आपने अपना बनाया था।
मौन है किबोर्ड का हर वो बटन जिन पर आप अपनी जादुई उंगलियाँ फेरा करते थे।

उत्तराखंड संगीत जगत को सम्पूर्ण तरह से उदित करने वाले सूरज आज स्वयं अस्त हो गए।
बेहद दुःखद घटना ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
……..निःशब्द

© सुजाता देवराड़ी

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