Author: सुजाता देवराड़ी

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अकेले ही ठीक है।

वैसे इंसान अकेले ही ठीक है।      क्योंकि साथी के साथ कई क़िस्म के ताने, और अंजानी उम्मीदें भी मिलती है। कुछ न कहो तो तुम मुझपे, हक़ ही नहीं समझते। हक़ जताओ...

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मैं तप रही थी

मैं तप रही थी घास के, उन पत्तों पर अंगार सी। थी अकेली सोच उस पल, जैसे हवा गुब्बारों सी ।। चीखी मैं चिल्लाई भी, हिम्मत थी जब तक आखों में। टूटने लगी है...

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तेरा आँगन सजा करता था ।

कभी तेरा बनाया ये, आंगन सजा करता था । आज इनके पैरों पर ,जमी काई है।।कभी तेरी गोदी ने सबको, सहारा दिया था । आज ममता की वही आस, पड़ी खाली है।। रात इन...

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साक्षात्कार -भारत की पहली अलोपेशियन मॉडल (केतकी जानी )

मॉडलिंग के दौरान “गर भर ले आग़ोश में जूनून को अपने, तो सफ़र मुश्किल का तय कर सकता है।                      हवा धूल उड़ाने का शौक़ रखती...

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वसंत पंचमी-एक पौराणिक उत्सव

वसंत पंचमी, नाग पंचमी  सरस्वती मंत्र –सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा।   हर वर्ष की तरह वसंत पंचमी आज पूरे भारत में बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास  के साथ मनाई जा...

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गाँव और शहर

शहर-ए गाँव  ! तेरा धन्यवाद।  तू सुंदर गाँव ना होता, तो मैं बड़ा शहर ना होता। तेरे खेतों की मेहनत ना होती, तो मेरी दुकानों का पेट ना भरता । अगर तू न होता तो...

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तकनीकी & सोशल मीडिया से जुड़े कई पहलू (Digital Marketing, Social Media)

क्या तकनीकी का उपयोग पूरी तरह से हमारे हित में है ? आज हम लोग तकनीकी के उस दौर में हैं जहां हर चीज कंप्यूटर से जुड़ी हुई है । इसके इस्तेमाल से हमारी...

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अनजाना सा एक चेहरा

“पहली दफ़ा कुछ ऐसा हुआ, दिल ने एक चुगली दिमाग़ से की।उस गली में कोई ख़ास नूर तो नहीं था, उस शीशे में खड़ी कोई हूर तो थी।।”   बस यही दो पंक्तियाँ उस दिन...