Category: लेख

यादें -ऋषि कपूर की - अलविदा Rishi Kapoor 3

यादें -ऋषि कपूर की – अलविदा Rishi Kapoor

ज़िंदगी का खेल कभी-कभी समझ के परे होता है जो ना सुख का हिस्सा होता है ना दुख का, बस अफ़सोस के ही इर्द गिर्द चक्कर लगाता है। कभी लगता है ये ज़िंदगी वाक़ई में दो दिन का खेल है जिसमें इंसान अपने हिस्से का अभिनय करके चला जाता है। रह जाती है तो सिर्फ यादें।

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बैसाखी मेला

बैसाखी का त्यौहार आने वाला  हैं। मगर हर साल की तरह, इस बार ये त्यौहार पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाना संभव नहीं है। क्योंकि देश एक बहुत बड़े संकट से जूझ रहा है।...

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वसंत पंचमी-एक पौराणिक उत्सव

वसंत पंचमी, नाग पंचमी  सरस्वती मंत्र –सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी, विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा।   हर वर्ष की तरह वसंत पंचमी आज पूरे भारत में बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास  के साथ मनाई जा...

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तकनीकी & सोशल मीडिया से जुड़े कई पहलू (Digital Marketing, Social Media)

क्या तकनीकी का उपयोग पूरी तरह से हमारे हित में है ? आज हम लोग तकनीकी के उस दौर में हैं जहां हर चीज कंप्यूटर से जुड़ी हुई है । इसके इस्तेमाल से हमारी...

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वनाग्नि | साँसे तो साँसे होती है, चाहे इंसान की हो या फिर मासूम जानवरों की

उत्तराखंड में वनाग्नि चीरते हुए अंधकार को जब एक दिए की लौ रौशन करती है तो बेहद ख़ूबसूरत लगती है। हवन की  चिंगारी जब हवा में उड़ती हैं तो भी संतोषजनक लगती है। और...

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खलंगा मेला – 24 नवम्बर 2019

आदिकाल से ही इनसान घुमक्क्ड प्रवृति का रहा है। घुमक्क्ड़ी हमे विरासत में मिली है। आज भी शायद ही कोई हो जिसे घूमना पसंद ना हो। आज के दौर में तो घुमक्क्ड़ी और ज्यादा...

शोध(Research) 0

शोध(Research)

शोध क्यों जरुरी है? Image by Free-Photos from Pixabay आजकल हर कोई किसी न किसी विषय पर शोध करता ही रहता है। लेकिन कभी-कभी बिना सोचे समझे, बिना जाने पहचाने शोध करना खुद पर...

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बढ़ती जनसंख्या एक गंभीर समस्या

“जग में कुछ मुश्किल ना है।  विघ्न है तो हल भी है।। “ दुनियां में इम्पॉसिबल कुछ भी नहीं है, हम अगर मेहनत और लगन से कुछ करने की ठान ले तो। सफलता जरूर...