Category: कविता

ये दिल तुम बिन 1

ये दिल तुम बिन

  ये दिल तुम बिन ये दिल तुम बिन कुछ कहता नहीं, कुछ सुनता नहीं कहीं रुकता नहीं। ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, कुछ सुनता नहीं कहीं रुकता नहीं।। साँसे चलती हर रोज...

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तुम बेपनाह

मुखड़ा 1  तुम बेपनाह बरसी हो बूँद बनकर, फिसलती हुई जिस्म की रूह मैं | आलम है अब ये सोचा कुछ भी ना जाए, तेरी आँखों मैं डूबता जा रहा मैं | क्या ये सच है, ख्वाब है या कोई, बोल दो ना बोल दो ना | 2 तुम बेपनाह बरसी हो बूँद बनकर…… बोल- सुजाता देवराड़ी अंतरा1 ओढ़ लूँ  तुमको में, बनाके गर्म चादर। इस कदर टूट जाऊँ,  बाहों में आकर। सर्द  है ये हवायें, ख़ामोश है ये जहाँ। मेरी ख़्वाहिश है अब ये, ना रहे कोई दरमियाँ। एहसास...

सरहद पर 1

सरहद पर

||सरहद पर||    इस देश के हर नागरिक का सीना, तब चौड़ा हो जाता है। जब शरहद पर हर सैनिक, एक- एक करके जान गवांता है।। आतंक ने दहशत फैलाई, तुम चुप्पी साधे बैठे...

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गाँव की यादें

गाँव की यादें गाँव की यादें बुलाये मुझे, घर आजा, घर आजा पुकारे मुझे | वो बचपन का खेला, वो मिटटी का ठेला | खेतों मैं जाकर, वो छुपना छिपाना || वो तितली पकड़कर,...