Category: कविता

दिल की आरज़ू 0

दिल की आरज़ू

तेरा मन चंचल है मैं जानता हूँ। पर तू मेरी जात से वाकिफ़ न ही हो तो बेहतर है।। हँसते, मुस्कुराते, स्वस्थ रहिये। ज़िन्दगी यही है।    आप मुझसे इस आईडी पर संपर्क कर...

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करोना वायरस -डरना मना है

डरना मना है।  मिलके ही लड़ना है। भीड़ से बचना है। सफाई से रहना है। हाथों को धोना है। हँसके भगाना है। मौत का सपना, जो लेकर ये आया। मुंह के ही बल अब, ...

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इज़हार-ए-मोहब्बत

इन गालों पे मेरे,तेरी हथेली के छाप छपे हैं।  इज़हार-ए-मोहब्बत, जब से तेरा दीदार किये हैं।  सबकी नज़रों से तुझे बचाने के, तमाम जतन कर लिए।  पर पलकें मेरी ही चोरी से, तेरी उँगलियाँ...

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अकेले ही ठीक है।

वैसे इंसान अकेले ही ठीक है।      क्योंकि साथी के साथ कई क़िस्म के ताने, और अंजानी उम्मीदें भी मिलती है। कुछ न कहो तो तुम मुझपे, हक़ ही नहीं समझते। हक़ जताओ...

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मैं तप रही थी

मैं तप रही थी घास के, उन पत्तों पर अंगार सी। थी अकेली सोच उस पल, जैसे हवा गुब्बारों सी ।। चीखी मैं चिल्लाई भी, हिम्मत थी जब तक आखों में। टूटने लगी है...

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तेरा आँगन सजा करता था ।

कभी तेरा बनाया ये, आंगन सजा करता था । आज इनके पैरों पर ,जमी काई है।।कभी तेरी गोदी ने सबको, सहारा दिया था । आज ममता की वही आस, पड़ी खाली है।। रात इन...

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गाँव और शहर

शहर-ए गाँव  ! तेरा धन्यवाद।  तू सुंदर गाँव ना होता, तो मैं बड़ा शहर ना होता। तेरे खेतों की मेहनत ना होती, तो मेरी दुकानों का पेट ना भरता । अगर तू न होता तो...