झूठे दिखावे
तुमने ज़िंदा रहते जाति-धर्म की जो खोखली लंका खड़ी की थी न आज उसी लंका के नीचे अग्नि को साक्षी मानकर सब जाति धर्म तो एक हो गए मगर तुम ना रहे। खुद को...
तुमने ज़िंदा रहते जाति-धर्म की जो खोखली लंका खड़ी की थी न आज उसी लंका के नीचे अग्नि को साक्षी मानकर सब जाति धर्म तो एक हो गए मगर तुम ना रहे। खुद को...
अगर किसी की कद्र करनी है तो उसके रहते करो । अगर किसी को अच्छा साबित करना है उसके रहते करो। किसी में खूबियाँ ढूँढने के लिए उसका आपसे दूर जाना जरूरी है क्या?...
एक अनजाने रिश्ते की ख़ुशी और डर दोनों पनपने लगे हैं।सवाल -जवाब की उलझनें आपस में ख़ुद से ही झगड़ने लगें हैं।।जाने क्या मोड़ लेंगी राहें, ना उसको पता है ना कोई ख़बर मुझे।सही...
सुनो! कभी -कभी सोचता हूँ कुछ समय में तुम किसी और की हो जाओगी, तो सब कैसे पलट जाएगा न । बेदर्द वक़्त ने हमें दूर करने का फरमान जो जारी कर दिया था।...
हम लोग अपनी ज़िंदगी में कितने स्वार्थी क़िस्म के हो गए हैं ना..? ये मेरा वो मेरा, इसका-उसका, ये “मैं” नामक अहंकार हमको दिन ब दिन जकड़ते जा रहा रहा है। मुझे इतना चाहिए, मुझे...
तेरा मन चंचल है मैं जानता हूँ। पर तू मेरी जात से वाकिफ़ न ही हो तो बेहतर है।। हँसते, मुस्कुराते, स्वस्थ रहिये। ज़िन्दगी यही है। आप मुझसे इस आईडी पर संपर्क कर...
इन गालों पे मेरे,तेरी हथेली के छाप छपे हैं। इज़हार-ए-मोहब्बत, जब से तेरा दीदार किये हैं। सबकी नज़रों से तुझे बचाने के, तमाम जतन कर लिए। पर पलकें मेरी ही चोरी से, तेरी उँगलियाँ...
“ये तय है कि वजह दोष का, ज़रिया न था वो। पर गले ग़लतफ़हमियों ने, सवालों की ताबीज पहना दी।” कभी कभी दिल बड़ा शायराना हो जाता है. वही आज मेरा दिल भी हुआ...