Category: तुझे कागज पर उतारा मैंने

झूठे दिखावे 0

झूठे दिखावे

तुमने ज़िंदा रहते जाति-धर्म की जो खोखली लंका खड़ी की थी न आज उसी लंका के नीचे अग्नि को साक्षी मानकर सब जाति धर्म तो एक हो गए मगर तुम ना रहे। खुद को...

कद्र (Kadar) 1

कद्र (Kadar)

अगर किसी की कद्र करनी है तो उसके रहते करो । अगर किसी को अच्छा साबित करना है उसके रहते करो। किसी में खूबियाँ ढूँढने के लिए उसका आपसे दूर जाना जरूरी है क्या?...

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अनजाना रिश्ता

एक अनजाने रिश्ते की ख़ुशी और डर दोनों पनपने लगे हैं।सवाल -जवाब की उलझनें आपस में ख़ुद से ही झगड़ने लगें हैं।।जाने क्या मोड़ लेंगी राहें, ना उसको पता है ना कोई ख़बर मुझे।सही...

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खैर छोड़ो ये सब

सुनो! कभी -कभी  सोचता हूँ कुछ समय में  तुम किसी और की हो जाओगी, तो सब कैसे पलट जाएगा न । बेदर्द वक़्त ने हमें दूर करने का फरमान जो जारी कर दिया था।...

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जलन- आप जल तो लोगे

हम लोग अपनी ज़िंदगी में कितने स्वार्थी क़िस्म  के हो गए हैं ना..? ये मेरा वो मेरा, इसका-उसका,  ये “मैं” नामक अहंकार हमको दिन ब दिन जकड़ते जा रहा रहा है। मुझे इतना चाहिए, मुझे...

दिल की आरज़ू 0

दिल की आरज़ू

तेरा मन चंचल है मैं जानता हूँ। पर तू मेरी जात से वाकिफ़ न ही हो तो बेहतर है।। हँसते, मुस्कुराते, स्वस्थ रहिये। ज़िन्दगी यही है।    आप मुझसे इस आईडी पर संपर्क कर...

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इज़हार-ए-मोहब्बत

इन गालों पे मेरे,तेरी हथेली के छाप छपे हैं।  इज़हार-ए-मोहब्बत, जब से तेरा दीदार किये हैं।  सबकी नज़रों से तुझे बचाने के, तमाम जतन कर लिए।  पर पलकें मेरी ही चोरी से, तेरी उँगलियाँ...